UPSSSC VDO Syllabus 2024 in Hindi, Download PDF: हाल ही में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने UP VDO Syllabus के नए प्रारूप को जारी किया है। इसलिए उत्तर प्रदेश ग्राम विकास अधिकारी इस नए पाठ्यक्रम को समझना आवश्यक है। इस लेख में आप वीडीओ सिलेबस 2024 को ना सिर्फ समझेंगे बल्कि UP VDO Syllabus 2024 PDF भी डाउनलोड कर पायेंगे।
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UPSSSC VDO Syllabus 2024 in Hindi PDF: Download Link
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VDO Syllabus 2024 in Hindi
ग्राम पंचायत अधिकारी लिखित परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम: “लिखित परीक्षा एक पाली की होगी, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या 100 तथा समयावधि 2 घंटा होगी। परीक्षा के प्रश्न वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा। लिखित परीक्षा हेतु ऋणात्मक अंक (निगेटिव मार्क) दिए जाएंगे, जो प्रत्येक गलत उत्तर पर उस प्रश्न के पूर्णांक का 1/4 अर्थात 25 प्रतिशत अंक होंगे।”
UPSSSC VDO Exam Plan or Pattern 2023
UPSSSC VDO Exam Plan में परीक्षा के विषय, प्रश्नों की संख्या, निर्धारित कुल अंक और दिया गया समय नीचे दिए गए टेबल के विवरण के अनुसार होगा-
क्रमांक | विषय | प्रश्नों की संख्या | निर्धारित कुल अंक | समयावधि |
---|---|---|---|---|
भाग-1 | (i) पंचायतीराज व्यवस्था का इतिहास तथा उसके संबंध में संवैधानिक उपबंध | 10 | 10 | कुल- 120 मिनट (2 घंटा) |
(ii) पंचायतों का वर्तमान स्वरूप (उत्तर प्रदेश राज्य के परिपेक्ष में) | 10 | 10 | ||
(iii) पंचायतों के वित्तीय स्रोत एवं कार्य योजना | 10 | 10 | ||
(iv) पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त करने के उपाय | 05 | 05 | ||
(v) ग्रामीण विकास योजनाएं एवं कार्यक्रम (उत्तर प्रदेश राज्य के परिपेक्ष में) | 20 | 20 | ||
(vi) ग्राम पंचायत अधिकारियों की ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भूमिका | 10 | 10 | ||
भाग-2 | कंप्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी की अवधारणाओं एवं इस क्षेत्र में समसामयिक प्रौद्योगिकी विकास एवं नवाचार का ज्ञान | 15 | 15 | |
भाग-3 | उत्तर प्रदेश राज्य से संबंधित सामान्य जानकारी | 20 | 20 | |
कुल योग– | 100 | 100 |
VDO Exam 2023 Negative marking provision
उत्तर प्रदेश ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा में प्रत्येक गलत उत्तर के लिए नेगेटिव मार्किंग (ऋणात्मक अंकन) का प्रावधान है, जो प्रश्न हेतु निर्धारित अंक का 25 प्रतिशत अर्थात 1/4 होगी।
UPSSSC VDO Syllabus in Hindi | उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम: भाग-1
(i) पंचायतीराज व्यवस्था का इतिहास तथा उसके संबंध में संवैधानिक उपबंध:
परंपरागत पंचायतें तथा ब्रिटिश काल की पंचायत व्यवस्था, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की पंचायतीराज व्यवस्था, पंचायतीराज व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु गठित समितियाँ एवं उत्तर प्रदेश पंचायतीराज अधिनियम, पंचायतीराज व्यवस्था का संवैधानिक आधार तथा उत्तर प्रदेश में पंचायतीराज व्यवस्था संबंधी संवैधानिक उपबंध, व्यवस्थाएं एवं महत्वपूर्ण संशोधन।
(i) पंचायतों का वर्तमान स्वरूप (उत्तर प्रदेश राज्य के परिपेक्ष में):
उत्तर प्रदेश राज्य में पंचायत संस्थानों के संबंध में विधायी प्रावधान, स्वरूप व शक्तियां, पंचायतों में निर्वाचन/आरक्षण की व्यवस्था, राज्य निर्वाचन आयोग की पंचायत निर्वाचन में भूमिका, ग्राम पंचायतों का गठन / पंचायतों की समितियाँ, ग्राम पंचायतों के अधिकार/दायित्व एवं कर्तव्य, पंचायतीराज व्यवस्था: चुनौतियाँ एवं समाधान।
(iii) पंचायतों के वित्तीय स्रोत एवं कार्य योजना:
पंचायत स्तर पर संग्रहित किए जाने वाले कर, उपकर व आय के अन्य स्रोत, राज्य वित्त आयोग की संरचना अधिकार व क्रियाकलाप केंद्रीय वित्त आयोग और पंचायती संस्थाओं के वित्तीय सशक्तिकरण में उसकी भूमिका, केंद्र सरकार की प्रदर्शन अनुदान योजना (performance grant scheme), ग्राम पंचायत विकास योजना, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों के वित्तीय सशक्तिकरण हेतु उठाए गए कदम।
(iv) पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त करने के उपाय:
पंचायत सिटीजन चार्टर, पंचायत सचिवालय / ग्राम सचिवालय तथा पंचायत सहायक की भूमिका, कॉमन सर्विस सेंटर की पंचायत भवन में सहस्थापना, पंचायत स्तर पर जन कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, पंचायतों में ई-गवर्नेंस की स्थापना, परिवार रजिस्टर एवं जन्म-मृत्यु पंजीकरण।
(v) ग्रामीण विकास योजनाएं एवं कार्यक्रम (उत्तर प्रदेश राज्य के परिपेक्ष में):
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) स्वच्छ भारत मिशन एवं ग्रामीण पेयजल योजना (फेज-1 एवं फेज-2), ग्रामीण स्वास्थ्य योजनाएं, भारत सरकार, पंचायती राज विभाग एवं उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य विभागों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित अन्य योजनाएं एवं कार्यक्रम।
(vi) ग्राम पंचायत अधिकारियों की ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भूमिका:
ग्राम पंचायत के सचिव के रूप में, जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिकारी के रूप में, आदर्श ग्राम पंचायत बनाने में भूमिका, आत्मनिर्भर ग्राम पंचायत बनाने में भूमिका।
भाग-2
कंप्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी की अवधारणाओं एवं इस क्षेत्र में समसामयिक प्रौद्योगिकी विकास एवं नवाचार का ज्ञान:
कंप्यूटर एवं सूचना तकनीकी का परिचय, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम, स्प्रेडशीट, ई-मेल, सोशल नेटवर्किंग, ई-गवर्नेंस की जानकारी, डिजिटल वित्तीय उपकरण और अनुप्रयोग, इंटरनेट एवं वर्ल्ड वाइड वेब (www) का परिचय, भविष्य के कौशल और साइबर सुरक्षा का अवलोकन, वर्ड प्रोसेसिंग क्षेत्र के तत्व तथा कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में होने वाले तकनीकी विकास एवं नवाचार (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डाटा प्रोसेसिंग, डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स) पर आधारित तथा इस क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां।
भाग-3
उत्तर प्रदेश राज्य से संबंधित सामान्य जानकारी:
उत्तर प्रदेश का विशिष्ट ज्ञान- इतिहास, संस्कृति, कला, वास्तुकला, त्यौहार, लोकनृत्य, साहित्य, क्षेत्रीय भाषाएं, विरासत, सामाजिक रीति-रिवाज और पर्यटन, भौगोलिक परिदृश्य एवं पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन, जलवायु, मिट्टी, वन, वन्यजीव, खान और खनिज, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, कृषि, उद्योग, व्यवसाय और रोजगार, राजव्यवस्था, प्रशासन, समसामयिक घटनाओं एवं विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश राज्य की उपलब्धियां।