UPPCS New Syllabus 2024 in Hindi (pre, mains) Download PDF: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा 3 मार्च 2023 को सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पी.सी.एस) परीक्षा-2023 के लिए जारी किए गए विज्ञापन में, 2023 से मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। इस बदलाव में यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा से सभी वैकल्पिक विषयों को हटा दिया गया तथा उसकी जगह उत्तर प्रदेश विशेष से संबंधित सामान्य अध्ययन के दो अन्य प्रश्न-पत्रों को जोड़ा गया है। ऐसे में नए पाठ्यक्रम (UPPCS Syllabus in Hindi 2024) को समझना अति आवश्यक है।
आप यहां से यूपीपीसीएस सिलेबस को हिंदी में पढ़ सकते हैं तथा उसकी पीडीएफ को भी डाउनलोड कर सकते हैं।UPPCS Syllabus in Hindi PDF को डाउनलोड करने का लिंक नीचे दिया गया हैं। इस सिलेबस में प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा दोनों को कवर किया गया है।
UPPCS Pre. 2023 Question Paper PDF |
UPPSC RO/ARO सिलेबस हिन्दी में |
UPPSC RO/ARO Previous Year Paper |
(Official) RO/ARO Cut off PDF |
यूपी पुलिस कांस्टेबल सिलेबस हिन्दी में |
UPPCS Syllabus in Hindi 2024 PDF: Download
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UPPCS Exam Pattern in Hindi 2024
UPPCS Exam Pattern in Hindi 2024: सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पी.सी.एस) परीक्षा-2024 हेतु प्रतियोगिता परीक्षा में क्रमवार तीन स्तर सम्मिलित हैं यथा: (1) प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ व बहुविकल्पी प्रकार की), (2) मुख्य परीक्षा (परंपरागत प्रकार की अर्थात लिखित परीक्षा), (3) मौखिक परीक्षा (व्यक्तित्व परीक्षा)
👉प्रारंभिक परीक्षा पैटर्न
- प्रारंभिक परीक्षा दो अनिवार्य प्रश्न-पत्रों की होगी।
- दोनों पेपर 200 अंको के वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे।
- प्रत्येक पेपर दो घंटे (120 मिनट) की अवधि का होगा।
- प्रथम प्रश्न-पत्र में 150 प्रश्न तथा द्वितीय-प्रश्न पत्र में 100 प्रश्न होंगे।
- पेपर- II एक अर्हक (Qualifying) पेपर होगा, जिसमें न्यूनतम योग्यता अंक 33% निर्धारित हैं।
- दोनों पेपर में प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 नकारात्मक अंक का प्रावधान है।
- प्रथम प्रश्न-पत्र पूर्वाहन 9:30 बजे से 11:30 बजे तक तथा द्वितीय प्रश्न-पत्र अपराहन 2:30 बजे से सायं 4:30 बजे तक आयोजित होगा।
Paper | Ques. | Marks | Duration |
सामान्य अध्ययन -I | 150 | 200 | 120 min |
सामान्य अध्ययन -II | 100 | 200 | 120 min |
नोट:
(2) मूल्यांकन के उद्देश्य से अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलित होना बाध्यकारी है। अतएव यदि कोई अभ्यर्थी दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलित नहीं होता है, तो वह अनर्ह (disqualify) हो जाएगा।
(3) अभ्यर्थियों की योग्यताक्रम (Merit) का निर्धारण उनके प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा.
👉मुख्य परीक्षा पैटर्न
उत्तर प्रदेश पीसीएस मुख्य परीक्षा में कुल 8 प्रश्नपत्र हैं, जो कुल 1500 अंकों के होंगे। सभी प्रश्न-पत्र परंपरागत (conventional)/ लिखित प्रकार के होंगे तथा इन प्रश्न-पत्रों के हल करने की अवधि 3 घंटे होगी। सामान्य अध्ययन के प्रत्येक प्रश्न-पत्र 200 अंकों का होगा, जबकि सामान्य हिंदी 150 अंक और निबंध 150 अंक का होगा।
नोट:
S. No. | Subject | Marks | Duration |
पेपर-1 | सामान्य हिंदी | 150 | 3 घण्टे |
पेपर-2 | निबन्ध | 150 | 3 घण्टे |
पेपर-3 | सामान्य अध्ययन I | 200 | 3 घण्टे |
पेपर-4 | सामान्य अध्ययन II | 200 | 3 घण्टे |
पेपर-5 | सामान्य अध्ययन III | 200 | 3 घण्टे |
पेपर-6 | सामान्य अध्ययन IV | 200 | 3 घण्टे |
पेपर-7 | सामान्य अध्ययन V (उत्तर प्रदेश विशेष) | 200 | 3 घण्टे |
पेपर-8 | सामान्य अध्ययन VI (उत्तर प्रदेश विशेष) | 200 | 3 घण्टे |
कुल | 1500 अंक |
👉साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षा: (कुल अंक 100)
यह परीक्षा अभ्यर्थियों की सामान्य जागरूकता, बुद्धि ,चरित्र, अभिव्यक्ति की क्षमता, व्यक्तित्व एवं सेवा के लिए सामान्य उपयुक्तता को दृष्टि में रखते हुए सामान्य अभिरुचि के विषयों से संबंधित होगी।
UPPCS Syllabus in Hindi 2024
UPPCS Syllabus in Hindi 2024: उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा का सिलेबस यहाँ विस्तार से दिया जा रहा है। यहाँ से आप उत्तर प्रदेश पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के सिलेबस का पीडीएफ़ भी डाउनलोड कर पायेंगे। UPPCS syllabus in Hindi 2024 PDF download करने के लिए पोस्ट को पढ़ें और लेख के अंत में दिए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।
प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम: UPPCS Prelims Syllabus in Hindi
सामान्य अध्ययन-I ( 200 अंक), अवधि : दो घंटे
- राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ: राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाओं पर अभ्यर्थियों को जानकारी रखनी होगी।
- भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन: इतिहास के अंतर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आंदोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी उपेक्षित है।
- भारत एवं विश्व का भूगोल: भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल: विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख होगी। भारत का भूगोल के अंतर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से संबंधित प्रश्न होंगे।
- भारतीय राजनीति एवं शासन-संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारिक प्रकरण आदि: भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अंतर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे।
- आर्थिक एवं सामाजिक विकास- सतत् विकास, गरीबी अंतर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशियेटिव आदि: अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके संबंधों के परिप्रेक्ष्य में किया जाएगा।
- पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संबंधी सामान्य विषय जैव-विविधता एवं जलवायु परिवर्तन: इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों से विषय की सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
- सामान्य विज्ञान: सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से संबंधित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।
नोट: अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश के विशेष परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्य परिचय हो।
सामान्य अध्ययन-II ( 200 अंक), अवधि : दो घंटे
- कॉम्प्रिहेंसन (विस्तारीकरण)
- अंतर्वैयक्तिक क्षमता जिसमें संप्रेषण कौशल भी समाहित होगा
- तार्किक एवं विश्लेषणात्मक योग्यता
- निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान
- सामान्य बौद्धिक योग्यता
- प्रारंभिक गणित हाईस्कूल स्तर तक- अंकगणित, बीजगणित व सांख्यिकी
- सामान्य अंग्रेज़ी हाईस्कूल स्तर तक
- सामान्य हिंदी हाईस्कूल स्तर तक
प्रारंभिक गणित (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय
- अंकगणित: (i) संख्या पद्धति: प्राकृतिक, पूर्णांक, परिमेय-अपरिमेय एवं वास्तविक संख्याएँ, पूर्णांक संख्याओं के विभाजक एवं अविभाज्य पूर्णांक संख्याएँ। पूर्णांक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य तथा उनमें संबंध। (ii) औसत, (iii) अनुपात एवं समानुपात, (iv) प्रतिशत, (v) लाभ-हानि, (vi) ब्याज- साधारण एवं चक्रवृद्धि, (vii) काम तथा समय, (viii) चाल, समय तथा दूरी
- बीजगणित: (i) बहुपद के गुणनखंड, बहुपदों का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य एवं उनमें संबंध, शेषफल प्रमेय, सरल युगपत समीकरण, द्विघात समीकरण (ii) समुच्चय सिद्धांत: समुच्चय, उप समुच्चय, उचित उपसमुच्चय, रिक्त समुच्चय, समुच्चयों के बीच सक्रियाएँ (संघ, प्रतिछेद, अंतर, समिमित अंतर), बेन-आरेख
- रेखागणित: (i) त्रिभुज, आयत, वर्ग, समलम्ब चतुर्भुज एवं वृत्त की रचना एवं उसके गुण संबंधी प्रमेय तथा परिमाप एवं उनके क्षेत्रफल, (ii) गोला, समकोणीय वृत्ताकार बेलन, समकोणीय वृत्ताकार शंकु तथा धन के आयतन एवं पृष्ठ क्षेत्रफल
- सांख्यिकी: आंकड़ों का संग्रह, आंकड़ों का वर्गीकरण, बारम्बारता, बारम्बारता बंटन, सारणीयन, संचयी बारम्बारता आंकड़ों का निरूपण, दण्डचार्ट, पाई चार्ट, आयत चित्र, बारम्बारता बहुभुज, संचयी बारम्बारता वक्र, केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप- समान्तर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक
General English Up to Class X Level
- Comprehension
- Active Voice and Passive Voice
- Parts of Speech
- Transformation of Sentences
- Direct and Indirect Speech
- Punctuation and Spellings
- Words meanings
- Vocabulary & Usage
- Idioms and Phrases
- Fill in the Blanks
सामान्य हिंदी (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय
- हिंदी वर्णमाला, विराम चिह्न
- शब्द रचना, वाक्य रचना, अर्थ
- शब्द-रूप
- संधि, समास
- क्रियाएँ
- अनेकार्थी शब्द
- विलोम शब्द
- पर्यायवाची शब्द
- मुहावरे एवं लोकोत्तियाँ
- तत्सम एवं तद्भव, देशज, विदेशी (शब्द भंडार)
- वर्तनी
- अर्थबोध
- हिन्दी भाषा के प्रयोग में होने वाली अशुद्धियाँ
- उ.प्र. की मुख्य बोलियाँ
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मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम: UPPCS Mains Syllabus in Hindi
सामान्य हिंदी
- दिये गए गद्य खण्ड का अवबोध एवं प्रश्नोत्तर।
- संक्षेपण।
- सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र।
- शब्द ज्ञान एवं प्रयोग।
(अ) उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग
(ब) विलोम शब्द
(स) शब्द समूह के लिये एक शब्द
(द) वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि - लोकोक्ति एवं मुहावरे।
निबंध
- निबंध के प्रश्न पत्र में तीन खंड होंगे। उम्मीदवारों को प्रत्येक खंड से एक विषय का चयन करना होगा और उन्हें प्रत्येक विषय पर 700 शब्दों में एक निबंध लिखना होगा। तीन खंडों में, निबंध के विषय निम्नलिखित क्षेत्रों पर आधारित होंगे:
- खंड A – (1) साहित्य और संस्कृति (2) सामाजिक क्षेत्र (3) राजनीतिक क्षेत्र
- खंड B – (1) विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी (2) आर्थिक क्षेत्र (3) कृषि, उद्योग और व्यापार
- खंड C – (1) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाएँ (2) प्राकृतिक आपदाएँ, भूस्खलन, भूकंप, जलप्रलय, सूखा आदि। (3) राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम और परियोजनाएँ
सामान्य अध्ययन-I
- भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
- 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
- स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
- स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
- विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
- भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता।
- महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।
- भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
- सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
- विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
- विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक।
- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
- भारत के समुद्री संसाधन और उनकी क्षमता
- मानव प्रवास- भारत पर ध्यान देने के साथ विश्व की शरणार्थी समस्या
- भारतीय उपमहाद्वीप के संदर्भ में सीमा और सीमांत
- जनसंख्या और बस्तियाँ- प्रकार और पैटर्न, शहरीकरण, स्मार्ट शहर और स्मार्ट गांव
- उत्तर प्रदेश का विशिष्ट ज्ञान- इतिहास, संस्कृति, कला, वास्तुकला, त्योहार, लोक नृत्य, साहित्य, क्षेत्रीय भाषाएँ, विरासत, सामाजिक रीति-रिवाज और पर्यटन
- उत्तर प्रदेश भूगोल का विशिष्ट ज्ञान- मानव और प्राकृतिक संसाधन, जलवायु, मिट्टी, वन, वन्यजीव, खान और खनिज, सिंचाई के स्रोत
सामान्य अध्ययन-II
- भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
- विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
- संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व।
- सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय।
- सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
- विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्त्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
- केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
- गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय।
- शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
- भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
- भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।
- महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।
- राजनीतिक, प्रशासनिक, राजस्व और न्यायिक व्यवस्था के संबंध में उत्तर प्रदेश का विशिष्ट ज्ञान
- करेंट अफेयर्स और क्षेत्रीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की घटनाएँ
सामान्य अध्ययन-III
- भारत में आर्थिक योजना, उद्देश्य और उपलब्धियाँ, नीति आयोग की भूमिका, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी)
- गरीबी, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के मुद्दे
- सरकारी बजट और वित्तीय प्रणाली के घटक
- मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
- स्वतंत्रता के बाद भारत में भूमि सुधार।
- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
- बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
- सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी
- बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता और डिजिटल अधिकार
- पर्यावरण सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र, वन्यजीव का संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन
- एक गैर-पारंपरिक सुरक्षा और सुरक्षा चुनौती के रूप में आपदा, आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन
- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां- परमाणु प्रसार के मुद्दे, उग्रवाद के कारण और प्रसार, संचार नेटवर्क, मीडिया और सोशल नेटवर्किंग की भूमिका
- साइबर सुरक्षा, मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी
- भारत की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां- आतंकवाद, भ्रष्टाचार, उग्रवाद और संगठित अपराध
- भारत में सुरक्षा बलों, उच्च रक्षा संगठनों की भूमिका, प्रकार और जनादेश
- उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का विशिष्ट ज्ञान-राज्य बजट, कृषि का महत्व, उद्योग, आधारभूत संरचना और भौतिक संसाधन, मानव संसाधन और कौशल विकास, सरकारी कार्यक्रम और कल्याणकारी योजनाएँ।
- राज्य के कृषि, बागवानी, वानिकी और पशुपालन के मुद्दे
- उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में कानून और व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा
सामान्य अध्ययन-IV
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानव मूल्य
- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
- अभिवृत्तिः सारांश, संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण।
- सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।
- भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
- लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।
- शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
- उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)।
सामान्य अध्ययन- V (उत्तर प्रदेश स्पेशल)
- 1. उ0प्र0 का इतिहास, सभ्यता, संस्कृति एवं प्राचीन नगर।
- 2. उ0प्र0 की वास्तुकला, उसकी महत्ता एवं रख-रखाव, संग्रहालय, अभिलेखागार एवं पुरातत्व।
- 3. भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में 1857 से पहले एवं बाद में उ०प्र० का योगदान।
- 4. उ0प्र0 के सुविख्यात स्वतन्त्रता सेनानी एवं व्यक्तित्व।
- 5. उ0प्र0 में ग्रामीण, शहरी एवं जनजातीय मुद्दे: सामाजिक संरचना, त्योहार, मेले, संगीत, लोकनृत्य, भाषा एवं साहित्य / बोली, सामाजिक प्रथाएं एवं पर्यटन।
- 6. उ0प्र0 की राजव्यवस्था – शासन प्रणाली, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, विधान सभा एवं विधान परिषद, केन्द्र-राज्य सम्बन्ध
- 7. उ0प्र0 में लोक सेवाएँ, लोक सेवा आयोग, लेखा परीक्षा, महान्यायवादी, उच्च न्यायालय एवं उसका अधिकार क्षेत्र।
- 8. उ0प्र0 – विशेष राज्य चयन मानदण्ड, राजभाषा, संचित निधि एवं आकस्मिक निधि, राजनीतिक दल एवं राज्य निर्वाचन आयोग |
- 9. उ0प्र0 में स्थानीय स्वशासनः शहरी एवं पंचायती राज, लोकनीति, अधिकार सम्बन्धी मुद्दे।
- 10. उ0प्र0 – सुशासन, भ्रष्टाचार निवारण, लोकायुक्त, सिटीजन चार्टर, ई-गवर्नेस सूचना का अधिकार, समाधान योजना।
- 11. उ0प्र0 में भूमि सुधार एवं इसका प्रभाव।
- 12. उ0प्र0 में सुरक्षा से जुड़े मुद्दे:-
- (i) उग्रवाद के प्रसार एवं विकास के बीच सम्बन्ध।
- (ii) बाह्य, राज्य एवं अन्तर राज्यीय सक्रियकों से आन्तरिक सुरक्षा के लिये चुनौतियाँ पैदा करने में संचार नेटवर्कों, मीडिया एवं सोशल नेटवर्किंग साइट्स की भूमिका।
- (iii) साइबर सुरक्षा के बुनियादी नियम, कालेधन को वैध बनाना एवं इसकी रोकथाम।
- (iv) विभिन्न सुरक्षा बल एवं एजेंसियाँ और उनके शासनादेश / अधिकार-पत्र।
- (v) सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबन्धन, संगठित अपराधों का आंतकवाद से संबंध।
- 13. उ0प्र0 में कानून व्यवस्था एवं नागरिक अधिकार सुरक्षा।
- 14. उ0प्र0 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय मुद्दे।
- 15. उ0प्र0 में शिक्षा प्रणाली।
- 16. भारत के विकास में उ०प्र० की भूमिका।
- 17. उ०प्र० की समसामयिक घटनाएं।
- 18. जल शक्ति मिशन एवं अन्य केन्द्रीय योजनायें एवं उनका क्रियान्वयन।
- 19. उ0प्र0 में गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) मुद्दे, योगदान एवं प्रभाव।
- 20. उ0प्र0 में पर्यटनः मुद्दे एवं सम्भावनायें।
- 21. उ0प्र0 में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचारः इसके मुद्दे एवं इसका समाज में रोजगार एवं सामाजिक-आर्थिक विकास पर प्रभाव।
सामान्य अध्ययन- VI (उत्तर प्रदेश स्पेशल)
- 1. उ0प्र0 का आर्थिक परिदृश्य अर्थव्यवस्था एवं राज्य बजट की मुख्य विशेषताएं, बुनियादी ढाँचा एवं भौतिकसंसाधनों का महत्त्व |
- 2. उ0प्र0 का व्यापार, वाणिज्य एवं उद्योग।
- 3. उ0प्र0 सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाएँ परियोजनाएँ एवं नियोजित विकास, मानव संसाधन एवं कौशल विकास।
- 4. उ0प्र0 में निवेश: मुददे एवं प्रभाव।
- 5. उ0प्र0 की लोक वित्त एवं राजकोषीय नीति, कर एवं आर्थिक सुधार, एक जिला एक उत्पाद नीति।
- 6. उ0प्र0 में नवीकरणीय ऊर्जा एवं गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की योजना एवं प्रबन्धन।
- 7. उ0प्र0 की जनांकिकी, जनसंख्या एवं जनगणना।
- 8. उ0प्र0 में कृषि का व्यावसायीकरण एवं कृषि फसलों का उत्पादन।
- 9. उ०प्र० की नवीन वानिकी नीति।
- 10. उ0प्र0 की कृषि एवं सामाजिक वानिकी।
- 11. उ0प्र0 में कृषि विविधता, कृषि की समस्याएँ एवं उनका समाधान।
- 12. उ0प्र0 के विभिन्न क्षेत्रों में विकासीय सूचकांक।
- 13. उ0प्र0 का भूगोल- भौगोलिक स्थिति, उच्चावच एवं संरचना, जलवायु सिंचाई, खनिज, अपवाह प्रणाली एवं वनस्पति।
- 14. उ0प्र0 में राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव अभ्यारण्य |
- 15. उ0प्र0 में परिवहन तंत्र।
- 16. उ0प्र0 में औद्योगिक विकास, शक्ति संसाधन एवं अधोसंरचना।
- 17. उ0प्र0 में प्रदूषण एवं पर्यावरण के मुद्दे प्रदूषण नियंत्रण परिषद एवं इनके कार्य।
- 18. उ0प्र0 के प्राकृतिक संसाधन मृदा, जल, वायु, वन, घास- मैदान, आद्रभूमि।
- 19. उ0प्र0 के जलवायु परिवर्तन एवं मौसम पूर्वानुमान से सम्बन्धित मुद्दे।
- 20. उ0प्र0 के सन्दर्भ में अधिवास पारिस्थितिकी तंत्र संरचना एवं कार्य, समायोजन, जीव-जन्तु एवं वनस्पतियां।
- 21. उ0प्र0 में विज्ञान एवं तकनीक के मुद्दे, प्रसार एवं प्रयत्न।
- 22. उ0प्र0 में मत्स्य, अंगूर, रेशम, फूल, बागवानी एवं पौध उत्पादन तथा उ०प्र० के विकास में इनका प्रभाव।
- 23. उ0प्र0 के विकास में सार्वजनिक एवं निजी साझेदारी को प्रोत्साहित करना।
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